Aansoo shayari hindi

 aansoo shayari hindi



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 अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आँसू, 

 अभी छेड़ी कहाँ है दास्तान-ए-ज़िंदगी मैंने। 

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 जब लफ्ज़ थक गए तो फिर आँखों ने बात की, 

 जो आँखें भी थक गयीं तो अश्कों से बात हुई। 

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 प्यास बुझ जाये ज़मीं सब्ज़ हो मंज़र धुल जाये, 

 काम क्या क्या न इन आँखों की तरी आये है। 

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 तुम्हारी याद में आँसू बहाना यूँ भी जरूरी है, 

 रुके दरिया के पानी को तो प्यासा भी नहीं छूता। 

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 बहुत अजीब हैं तेरे बाद की ये बरसातें भी, 

 हम अक्सर बन्द कमरे में भीग जाते हैं। 

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 जो हैरान है मेरे सब्र पर उनसे कह दो. 

 जो आँसू जमीं पर नहीं गिरते दिल चीर जाते हैं। 

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dhoka shayari in hindi


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 फिर आज आँसुओं में नहाई हुई है रात, 

 शायद हमारी तरह ही सताई हुई है रात। 

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 न जाने कौन सा आँसू मेरा राज़ खोल दे, 

 हम इस ख़्याल से नज़रें झुकाए बैठे हैं। 

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 उसने बस यूँ ही उदासी का सबब पूछा था, 

 मेरी आँखों में सिमट आये समंदर सारे। 

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yaad shayari in hindi


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 लिखना तो था कि खुश हूँ तेरे वगैर भी, 

 आँसू मगर कलम से पहले ही गिर पड़े। 

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 चैन मिलता था जिसे आ के पनाहों में मेरी, 

 आज देता है वही अश्क निगाहों में मेरी। 

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 वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली, 

 तमाम उम्र जिन आँखों को झील लिखते रहे। 

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 पिरो दिये मेरे आँसू हवा ने शाखों में, 

 भरम बहार का वाकी रहा आँखों में। 

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 बहना कुछ अपनी चश्म का दस्तूर हो गया, 

 दी थी खुदा ने आँख पर नासूर हो गया। 

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 ये सानेहा भी मोहब्बत में बार-हा गुजरा, 

 कि उस ने हाल भी पूछा तो आँख भर आई। 

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heart touching shayari in hindi


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 कमजोर हुए अश्कों से घर के दरो-दीवार, 

 रोने के लिये लेंगे किराए का मकाँ और। 

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 आज अश्क से आँखों में क्यों हैं आये हुए, 

 गुजर गया है ज़माना तुझे भुलाये हुए। 

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 तू इश्क की दूसरी निशानी दे दे मुझको, 

 आँसू तो रोज गिर कर सूख जाते हैं। 

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 अजीब कहर पड़ा अब के साल अश्कों का, 

 कि आँख तर ना हुई खूं में नहा कर भी। 

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 देगा अगर दर्द तो खुद भी डूबेगा, 

 वो एक शख्स जो आँखों में रहता है। 

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 जो आँसू आँख से अचानक निकल पड़ें, 

 वजह उनकी ज़बान से बयां नहीं होती। 

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 उस अश्क की तासीर से अल्लाह बचाये, 

 जो अश्क आँखों में रहे और न बरसे। 

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 जाहिर नहीं करता पर मैं रोज रोता हूँ, 

 शहर का दरिया मेरे घर से निकलता है। 

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 शायद तू कभी प्यासा फिर मेरी तरफ लौट आये, 

 आँखों में लिए फिरता हूँ दरिया तेरी खातिर। 

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 निकल जाते हैं तब आँसू जब उनकी याद आती है, 

 जमाना मुस्कुराता है मोहब्बत रूठ जाती है। 

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 हर बात पर नम हो जाती हैं आँखें मेरी अक्सर, 

 जहाँ भर के अश्क खुदा मेरी पलकों में रख भूला 

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 सोचा ही नहीं था जिंदगी में ऐसे भी फसाने होंगे, 

 रोना भी जरुरी होगा आँसू भी छुपाने होंगे। 

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 कभी बरसात का मज़ा चाहो, 

 तो इन आँखों में आ बैठो, 

 वो बरसों में कभी बरसती है, 

 ये बरसों से बरसती हैं। 

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 aansoo shayari hindi



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 जिनके प्यार बिछड़े है 

 उनका सुकून से क्या ताल्लुक़, 

 उनकी आँखों में नींद नहीं 

 सिर्फ आँसू आया करते है। 

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 तेरे ना होने से ज़िंदगी में 

 बस इतनी सी कमी रहती है, 

 मैं लाख मुस्कुराऊँ फिर भी 

 इन आँखों में नमी रहती है। 

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 साथ बिताई तेरे संग वो 

 शाम सुहानी जिंदा है, 

 होंठ भले ही सूखे हों 

 पर आँख मे पानी जिंदा है। 

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 आ देख मेरी आँखों के ये भीगे हुए मौसम, 

 ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गये हम। 

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 क्या दुख है समुंदर को बता भी नहीं सकता, 

 आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता। 

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 ना जाने आखिर इन आँसूओ पे क्या गुजरी, 

 जो दिल से आँख तक आये मगर बह ना सके। 

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 इनको न कभी आँख से गिरने देता हूँ, 

 उनको लगते हैं मेरी आँख में प्यारे आँसू। 

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 पलकों से पानी गिरा है तो उसे गिरने दो, 

 सीने में कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी। 

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 दो चार आँसू ही आते हैं पलकों के किनारे पे, 

 वर्ना आँखों का समंदर गहरा बहुत है। 

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 वो अश्क बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है, 

 अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है। 

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 आँसू कभी पलकों पर बहुत देर नहीं रुकते, 

 उड़ जाते हैं पंछी जब शाख़ लचकती है। 

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 वो अश्क बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है, 

 अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है। 

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😢💐😭♥😥 

 आँसू कभी पलकों पर बहुत देर नहीं रुकते, 

 उड़ जाते हैं पंछी जब शाख़ लचकती है। 

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😢💐😭♥😥 

 देख सकता है भला कौन ये प्यारे आँसू, 

 मेरी आँखों में न आ जाएँ तुम्हारे आँसू। 

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 मेरा शहर तो बारिशों का घर ठहरा, 

 यहाँ की आँख हों या दिल बहुत बरसते हैं। 

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 इनको न कभी आँख से गिरने देता हूँ मैं, 

 उनको लगते हैं मेरी आँख में प्यारे आँसू। 

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 घास में जज़्ब हुए होंगे ज़मीं के आँसू, 

 पाँव रखता हूँ तो हल्की सी नमी लगती है। 

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 आया ही था खयाल कि आँखें छलक पड़ीं, 

 आँसू किसी की याद के कितने करीब हैं। 

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 तेरी मुस्कराहट तेरे कहकहे किसी और के थे, 

 जो तेरी आँखों से था टपका वो मैं था। 

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 आँसू भी मेरी आँख के अब खुश्क हो गए, 

 तू ने मेरे खुलूस की कीमत भी छीन ली। 

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 वापसी का सफ़र अब मुमकिन न होगा। 

 हम तो निकल चुके हैं आँख से आँसू की तरह। 

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 कम नहीं हैं आँसू मेरी आँखों में मगर, 

 रोता नहीं कि उनमें उसकी तस्वीर दिखती है। 

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